ऋग्वेद भारतीय वेदों में से सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण वेद है।
यह वेद लगभग 1500 ईसा पूर्व में संकलित किया गया था और वेदों का प्रथम संग्रह माना जाता है।
ऋग्वेद में कुल 1028 सूक्तों (मंत्रों) का संग्रह है, जिनमें से अधिकांश देवताओं की स्तुति और प्रार्थना से संबंधित हैं।
ऋग्वेद में मुख्य रूप से प्राकृतिक देवताओं की स्तुति की गई है, जैसे सूर्य, अग्नि, वायु, इंद्र, वरुण आदि।
इसमें वैदिक संस्कृति, धर्म, दर्शन, समाज, संस्कार और संस्कृति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
ऋग्वेद का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह भारतीय संस्कृति का प्राचीनतम और मूलभूत स्रोत है।
ऋग्वेद के अध्ययन से वैदिक काल की सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति का पता चलता है।
यह वेद वैदिक संस्कृति और धर्म के मूल स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण है।
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